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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – हिंदी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन 1925 में हुई। डॉ. केशव बळीराम हेडगेवार ने नब्बे वर्ष पहले बोये हुए बीज का रूपान्तरण अब एक विशाल वटवृक्ष में हो चुका है। इस वटवृक्ष की शाखाएँ कितनीं, पत्ते कितने इसकी गिनती करना मुश्किल है। लेकिन यह संगठन भारतीय जनमानस में बहुत ही दृढ़तापूर्वक अपनी जड़ें फ़ैलाकर समर्थ रूप में खड़ा है और वटवृक्ष की ही गति एवं शैली में विकास कर रहा है। केवल देश में ही नहीं, बल्कि जहाँ कहीं भी भारतीय हैं, उन सभी देशों में संघ कार्यरत है ही। इतना ही नहीं, बल्कि विदेशस्थित भारतीयों को अपने देश के साथ, संस्कृति के साथ दृढ़तापूर्वक जोड़कर रखनेवाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह मात्र एक संगठन नहीं, बल्कि परंपरा बन चुका है।

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Know The Author

"Since his childhood, Rameshbhai Mehta has been associated with the Rashtriya Swaymsevak Sangh since childhood i.e. from the age of 5 years to be precise. He was born in Amreli, Saurashtra in the pre-independence era. At every step in life, he was guided by the Sangh, and so it is even today. A septuagenarian, Rameshbhai exudes a zeal that would put youth half his age to shame. Having done his Masters in History, he has a special perspective of it. "